Top Guidelines Of best hindi story
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घोसले में पहुंचकर चिड़िया ने सभी बच्चों को चावल का दाना खिलाया। बच्चों का पेट भर गया, वह सब चुप हो गए और आपस में खेलने लगे।
ऐसा कभी नहीं हुआ था... धर्मराज लाखों वर्षों से असंख्य आदमियों को कर्म और सिफ़ारिश के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास-स्थान 'अलॉट' करते आ रहे थे। पर ऐसा कभी नहीं हुआ था। सामने बैठे चित्रगुप्त बार-बार चश्मा पोंछ, बार-बार थूक से पन्ने पलट, रजिस्टर हरिशंकर परसाई
शहरी और देहाती भावनाओं और संवेदनाओं की विडंबनात्मक रोमैंटिक परिणति की यह कहानी अविस्मरणीय है.
मरने के पहले पागल बिशन सिंह की गाली, भारत और पाकिस्तान के लहूलुहान बंटवारे पर एक ऐसी टिप्पणी बन जाती है, जो अब विश्व कथा साहित्य में एक गहरी, मार्मिक, अविस्मरणीय मनुष्यता की चीख़ के रूप में हमेशा के लिए उपस्थित है :
इमेज कैप्शन, अमरकांत ने 'ज़िंदगी और जोंक', 'डिप्टी-कलक्टरी' और 'बू' जैसी यादगार कहानियाँ लिखी हैं.
With this novel, a younger boy Bunti looks in the grown-up world of his household by his baby eyes and wounded eyes. But irrespective of whether this novel is about Bunti or his mother Shakun can be a bone of contention. Shakun’s ambitions and self-relevance for herself is really a challenge with the spouse and children, finally resulting in her separation from her husband. With this conflict amongst a partner a wife, it is Bunti who suffers the most. The novel is very acclaimed and praised for its comprehension of boy or girl psychology.
Picture: Courtesy Amazon Penned by Agyeya, the pen title of Satchidananda Hirananda Vatsyayan, this Hindi fiction e-book was initially released in 1940. The novel is a groundbreaking function and is considered a landmark in Hindi literature. Agyeya, an influential determine in the Chhayavaad motion, delivers to daily life the tumultuous journey on the protagonist, Shekhar, by means of a variety of phases of his life. The novel explores Shekhar’s evolution from a carefree and idealistic youth to your mature specific grappling Together with the complexities of life.
रामकृष्ण परमहंस उस वृक्ष के नीचे गए और click here विषधर को बुलाया। विषधर क्रोध में परमहंस जी के सामने आंख खड़ा हुआ। विषधर को जीवन का ज्ञान देकर परमहंस वहां से चले गए।
उदाहरण के लिए इस कहानी का पहला पैरा ही देखिए :
एक दिन जब रामकृष्ण परमहंस गांव लौट कर आए।
मोर की याद में जो आंसू का-संगी ने बहाये, वह मोर के पंखो पर गिरे और रंग बिरंगे निशान छोड़ गए, जो आज भी मोर के पंखो पर देखे जा सकते हैं।
Agyeya skillfully weaves components of philosophy, spirituality, and social commentary in the narrative, delivering viewers having a thought-provoking and introspective encounter. As a result of Shekhar’s encounters, the novel delves to the deeper facets of human existence, touching upon themes of love, decline, self-discovery, and The hunt for which means. This novel not just showcases Agyeya’s mastery in the Hindi language but additionally demonstrates his progressive method of storytelling.
लेकिन उसे अपनी लंबी पूंछ पर बहुत गर्व था। अपनी लंबी लंबी पूंछ के कारण, वह कभी अपने पड़ोसियों के पास नहीं जा सका। वह केवल बड़े घरों और पैसे वाले लोगों से मिलने जाता था। उसके घमण्ड के कारण उसके पड़ोसी उसे नापसंद करने लगे। वे पीठ पीछे मोर का मजाक उड़ाते थे। एक दिन उन्होंने उस से मज़ाक करने का करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि एक बर्ड क्लब बनाया गया है और सभी पक्षियों ने मोर को अपना नेता